|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
「コーラン經」 必需品 第百七 [アル・マウン] 默伽 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
「コーラン經」は日本初のコーラン全文翻訳本です |
「コーラン經」は<譯者・坂本健一>{上下二巻}として世界聖典全集刊行會から(大正九年)発行されました |
「コーラン經」の構成は凡例、目次、114品(章)の本文、附録として各品(章)の解題と註釋、イスラム教とコーランについての詳細な後書きから成っています。 |
ここでは114品(章)別に本文と解題と註釋をまとめて紹介します |
本文の漢字・ルビ・送り仮名は大正時代そのままの形を復刻できるように努めました |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
必需品[アル・マウン](1-6節)の本文 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
大慈悲~の名に於て |
一 何とか爾曹は思ふ、虛妄としてわが審判のヘを拒みし者に就きて。 |
二 孤兒を逐ひ |
三 貧者を養はざるは渠。 |
四 祈れども |
五 祈等閑なる者、 |
六 僞善にして必需を(窮人に)拒む者には不幸。 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
必需品[アル・マウン](1-6節)の解題(題名の由来、啓示時期、内容解説) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
七句の必需の字を以て名づく。或は冒頭句中のヘ Din の字を以て目と爲す者あり。 |
更に長き經文の殘闕と見ゆ。 |
默伽か默コ那かはゥ說一定せず。 |
内容 可蘭を拒み孤兒を虐待する不信者、祈禱慈善を怠る僞善者の排斥。 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
必需品[アル・マウン](1-6節)の註釋(文字の解釈) |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
六 必需の原語アル・マウンMaunはまた日常必需の器什の意と解せらる。また火水鹽等の必需物ともさる。 |
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
|
Office Murakami |